छत्तीसगढ़ इंदिरा वन मितान योजना (Indira Van Mitan Yojana): Chhattisgarh Government has launched a new scheme named CG Indira Van Mitan Yojana 2021. The new scheme is going to make forest dwellers of the state self reliant (atmanirbhar). In this scheme, the state govt. will form groups of youth in around 10,000 villages of tribal areas who would be responsible to conduct all forest based economic activities. These economic activities would create self employment opportunities for the forest dwellers.
CG Indira Van Mitan Yojana (छत्तीसगढ़ इंदिरा वन मितान योजना) 2021
In CG Indira Van Mitan Yojana, the state govt. will cover around 19 lakh families in scheduled areas through the youth groups. The groups formed shall also manage the trees and will collect the forest produce from the trees in forest areas. They will also arrange the purchase of forest produce to ensure right price of the forest produce.
Chhattisgarh Indira Van Mitan Yojana in Hindi
इंदिरा वन मितान योजना (CG Indira Van Mitan Yojana) छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शुरू की गयी एक नई योजना है जिसके तहत राज्य में वनवासियों के विकास के लिए कई कार्य किए जाएँगे। सीजी सरकार की इस नई योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में वनवासियों को खुशहाल और वनांचल के गांवों को स्वावलंबी बनाना है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 09 अगस्त 2020 को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर इस नई इंदिरा वन मितान योजना के शुभारंभ की घोषणा की थी।
इन्दिरा वन मितान योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के आदिवासी अंचल के 10,000 गावों में युवाओं के समूह गठित कर उनके माध्यम से वन आधारित समस्त आर्थिक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। 10 से 15 सदस्यों के इन समूहों में वनवासी युवाओं को ही प्राथमिकता दी जाएगी। योजना के तहत प्रत्येक आदिवासी विकासखण्ड में वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र (Forest Produce Processing Center) की भी स्थापना की जाएगी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने इंदिरा वन मितान योजना के तहत अनुसूचित क्षेत्रों के 19 लाख परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य तय किया है। इस योजना के माध्यम से समूहों को वृक्ष प्रबंधन का अधिकार प्रदान किया जाएगा जिससे वे वन क्षेत्रों के वृक्षों से वनोपज संग्रहण कर आर्थिक लाभ ले सकें।
छत्तीसगढ़ इंदिरा वन मितान योजना लांच
छत्तीसगढ़ राज्य की इस नई योजना के तहत बनाई जाने वाले समूहों के माध्यम से ही वनोपज की खरीदी, उसका प्रसंस्करण (Processing) एवं मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। योजना के तहत बनाए जाने वाले इन समूहों के माध्यम से वनवासियों के स्वरोजगार और उनकी समृद्धि के नए द्वारा खुलेंगे।
छत्तीसगढ़ राज्य में पहले 7 प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी होती थी जिसे अब बढ़ाकर 31 कर दिया है।
इंदिरा वन मितान योजना के लाभ
Benefits of Indira Van Mitan Yojana
छत्तीसगढ़ इन्दिरा वन मितान योजना के कुछ मुख्य लाभ इस प्रकार हैं।
- वनवासियों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर।
- योजना के तहत बनाए जाने वाले समूहों को वन प्रबंधन के अधिकार।
- वन समूहों के माध्यम से बिकने वाले वनोपज का सही मूल्य।
- प्रत्येक विकासखण्ड में वनोपज प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना।
- वनवासियों की आय बढ़ाने के लिए इमारती लकड़ी की बजाए फलदार और वनौषधियों का पौधरोपन।
- लघु वनोपज की खरीदी और उनके समर्थन मूल्य में वृद्धि।
- योजना से लगभग 5 से 6 लाख लोग जुड़ेंगे।
योजना के तहत वनोपज प्रसंस्करण केन्द्रों की स्थापना
Establishment of Forest Produce Processing Units
इन्दिरा वन मितान योजना के तहत अनुसूचित क्षेत्रों के 85 विकासखण्ड में शुरू होने वाले वनोपज प्रोसेसिंग केन्द्रों के लिए 8 करोड़ 50 लाख रूपए की राशि खर्च की जाएगी। प्रत्येक केंद्र की स्थापना के लिये लगभग 10 लाख रुपए दिये जाएँगे।
इन Processing Centers की मदद से वन में पैदा होने वाली सभी प्रकार की उपज का प्रसंस्करण किया जाएगा जिसको बेचने और मार्केटिंग का अधिकार समूहों के पास होगा।
छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना की भी शुरुआत की है जिसके तहत तेंदुपत्ता संग्राहक परिवारों को जीवन बीमा दिया जा रहा है।
इस योजना की अधिक जानकारी के लिए http://tribal.cg.gov.in/ पर जाएँ।
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