झारखण्ड राज्य सरकार ने ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक सशक्तीकरण को लेकर आजीविका संवर्धन हुनर अभियान (ASHA Yojana) 2021 शुरू कर दिया है। इसके साथ ही फूलो झानो आशीर्वाद अभियान (Phulo Jhano Ashirwad Abhiyan) का शुभारंभ और पलाश ब्रांड (Palash Brand) का अनावरण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा किया गया है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है। इस योजना को पिछले साल 29 सितम्बर 2020 को शुरू किया गया था। आइये अब हम आपको झारखण्ड आशा योजना के बारे में अधिक जानकारी देते हैं।
झारखण्ड आजीविका संवर्धन हुनर अभियान (ASHA योजना) 2021
आजीविका संवर्धन हुनर अभियान के जरिये राज्य के 20.8 लाख परिवारों को आजीविका के सशक्त माध्यमों से जोड़ा गया है। अगले वित्तीय वर्ष में 26 लाख अतिरिक्त परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य है। ASHA योजना के अंतर्गत स्थानीय संसाधनों से जुड़े स्वरोजगार के अवसर भी ग्रामीण महिलाओं को उपलब्ध कराये जायेंगे जो नीचे दिए गए हैं:-
- कृषि आधारित आजीविका
- पशुपालन
- वनोपज संग्रहण
- वनोपज प्रसंस्करण
- उद्यमिता
झारखण्ड के मिशन सक्षम के डेटाबेस में दर्ज करीब करीब 4.71 लाख प्रवासियों में से लगभग 3.6 लाख प्रवासियों के परिवार को आशा के तहत फायदा होगा। ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड परियोजना द्वारा संचालित विभिन्न परियोजनाओं के तहत करीब 1200 करोड़ की राशि का प्रावधान भी किया गया है।
अब सड़क किनारे हड़िया-शराब नहीं बेचेगी महिलाएं
झारखण्ड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड में अब कोई भी महिला सड़क पर हड़िया-दारु बेचती नहीं दिखेगी। कोई भी महिला हड़िया-दारु बनाने और बेचने का कार्य मजबूरी में ही करती है। हड़िया-दारु बनाने और बेचने वाली महिलाओं को अब आजीविका से जोड़कर तथा हर संभव मदद कर उन्हें मुख्यधारा में लाने का काम सरकार करेगी।
ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के साधन
आजीविका संवर्धन हुनर अभियान से महिलाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जायेगा। मुख्यमंत्री ने बताया की समाज में हड़िया-दारु एक अभिशाप है जो समाज को कैंसर की तरह जकड़ रहा है। राज्य के अलग अलग शहरों में महिलाओं ने अब हड़िया-दारु के उत्पादन का विरोध भी किया है। शराब बेचकर परिवार चलाने के लिए अब महिलाएं मजबूर न हो इसलिए 29 सितम्बर के 2020 को आजीविका संवर्धन हुनर अभियान, फूलो झानो आशीर्वाद अभियान और पलाश ब्रांड का शुभारंभ किया गया है।
पलाश ब्रांड को विश्वस्तरीय बनाया जाएगा
झारखण्ड राज्य सरकार आने वाले समय में पलाश ब्रांड को देश और दुनिया में अलग पहचान देना चाहती है। अब सभी लोगों को पलाश ब्रांड को एक विश्वस्तरीय ब्रांड बनाने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। पलाश ब्रांड को आगे ले जाने से निश्चित ही राज्य की महिलाओं के सशक्तीकरण होगा। सभी लोग किसी भी उत्पाद का प्रयोग करने से पहले कंपनी अथवा ब्रांड को देखते हैं। पलाश राज्य सरकार का ब्रांड है और जो भी उत्पाद इस ब्रांड के अंतर्गत रखी जायेगी अथवा बेची जायेगी वह पलाश के नाम से बिकेगा।
पलाश ब्रांड को अगर सही तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा तो टाटा, अमूल की तरह इसकी सीमाएं बहुत आगे तक जायेंगी। लिज्जत पापड़ एवं अमूल का सारा उत्पाद महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) द्वारा ही बनाया जाता है। पलाश ब्रांड को अब SHG महिलाओं द्वारा उत्पादन किये गये उत्पाद से ही आगे ले जाना है। पलाश ब्रांड में फिलहाल सिर्फ खाने-पीने के ही उत्पाद दिख रहे हैं जिसमे आनेवाले समय में जूता, चप्पल, साड़ी आदि भी पलाश ब्रांड के तहत बेची जा सकेगी।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार करेगी कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। अब लोगों से अपील की जाती है की इस मुहीम को सफल बनाने में लोग अपना पूरा योगदान दे। पलाश ब्रांड का लोगों को उपयोग करना चाहिए क्योंकि यह अन्य ब्रांड से सस्ती भी है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताये रास्ते पर चलकर हम आर्थिक रूप से सशक्त हो सकते हैं, इसलिए स्वदेशी अपनाना हम सभी का कर्तव्य है।
26 लाख परिवारों को जोड़ा जाएगा
आजीविका संवर्धन हुनर अभियान (ASHA), पलाश ब्रांड एवं फूलो-झानो आशीर्वाद अभियान के तहत राज्य के 26 लाख परिवारों को जोड़ा जाएगा। झारखण्ड राज्य सरकार ने सखी मंडलों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए 995 करोड़ रुपये अभी दिये हैं। आशा योजना को ग्रामीण विकास विभाग (Rural development department) द्वारा संचालित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य की महिलाएं एक-एक सीढ़ी आगे बढ़ रही हैं जिसे हम सभी को मिलकर गति देने का काम करना है।
झारखण्ड सरकार रोजगार देने में सक्षम
मुख्यमंत्री जी ने आजीविका संवर्धन हुनर अभियान एवं फूलो-झानो आशीर्वाद अभियान का शुभारंभ तथा पलाश ब्रांड को गांव-गांव तक पहुंचा कर इसके उद्देश्य को अमलीजामा पहनाने पर जोर दिया। अब महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा उत्पादन किये गये उत्पादों को पलाश ब्रांड के अंतर्गत बेचने का काम किया जायेगा। राज्य सरकार इन तीनों योजनाओं को धरातल पर उतारकर ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक मजबूती देना चाहती है।
फूलो-झानो आशीर्वाद योजना का उद्देश्य
फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत हड़िया-दारु के निर्माण एवं बिक्री से जुड़ीं ग्रामीण महिलाओं को चिह्नित कर सम्मानजनक आजीविका के साधनों से जोड़ा जायेगा। राज्य की 15 हजार से ज्यादा हड़िया-दारु निर्माण एवं बिक्री से जुड़ीं महिलाओं का सर्वेक्षण मिशन नवजीवन (Mission Navjivan) के तहत किया जा चुका है। इन महिलाओं का काउंसेलिंग कर मुख्यधारा के आजीविका से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। चिह्नित महिलाओं को इच्छानुसार वैकल्पिक स्वरोजगार एवं आजीविका से जोड़ने का कार्य किया जायेगा। कुछ महिलाओं को आजीविका मिशन के तहत सक्रिय कैडर के रूप में चुने जाने का प्रावधान है जो अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत की तरह कार्य करेंगी।
पलाश ब्रांड – ग्रामीण महिलाओं की श्रमशक्ति का सम्मान
ग्रामीण विकास विभाग ने सखी मंडल की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को पलाश ब्रांड के तहत बाजार से जोड़ने की तैयारी पूरी कर ली है। राज्य की ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों को अच्छी पैकेजिंग, ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग की सुविधा इस पहल के जरिये दी जायेगी। ग्रामीण महिलाओं को एक सफल उद्यमी के रूप में स्थापित करने में पलाश ब्रांड की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ग्रामीण महिलाओं की आय में बढ़ोतरी के लिए पलाश मील का पत्थर साबित होगा। सखी मंडल की दीदियां कृषि उत्पाद, मास्क, सैनिटाइजर, सजावटी सामान समेत तमाम उत्पादों का निर्माण कर रही है, पलाश इन उत्पादों को एक नया ब्रांड वैल्यू देगा।
Source / Reference Link: https://finance.jharkhand.gov.in/pdf/Budget_2021_22/Budget_Speech_2021-22.pdf
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